सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा सप्लाई किये जाने वाला पेयजल पीने योग्य नहीं है। इसमें प्रदूषण की मात्रा अधिक है यानी यह जल प्रदूषित हो चुका है. इसकी जानकारी खुद मेयर गौतम दिन ने ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है.
ऐसे में सिलीगुड़ी में शुद्ध जल के लिए हाहाकार मचाना शुरू हो गया है, लोगों को समझ नहीं आ रहा है क्या करें. पानी कहाँ से लाएं, क्योंकि पानी खरीद कर पीना सबके बस की बात नहीं है. यही कारण है जहां कहीं भी शुद्ध जल मिल रहा है, लोगों को लम्बी क़तर देखने को मिल रही है. सिलीगुड़ी विधान रोड गोस्टोपाल मूर्ति के सामने भी शुद्ध पेयजल के लोग लंबी लाइन देखी जा रही है. इसके साथ ही अन्य जगहों में जहां कहीं शुद्ध पानी मिल रहा है, उसके लिए लोगों की लंबी लाइन देखी जा रही हैं.
आपको बता दे की मेयर ने 2 जून की दोपहर तक नगर निगम इलाकों में सप्लाई होने वाले पेयजल को पीने से मना किया है। गौतम देव ने कल बताया था किस बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) में कमी के कारण पीने का पानी दूषित हो गया है। निगम इलाकों में रोजाना पानी की आपूर्ति की जाएगी, लेकिन शहरवासियों को पानी नहीं पीने की सलाह दी गई है। बताया गया है कि आपूर्ति किए गए पेयजल को पीने के अलावा अन्य कामों में व्यवहार किया जा सकता हैं।
पानी के नमूने जांच के लिए कोलकाता भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट आने में पांच दिन लगेंगे। इसके बाद ही पानी का उपयोग पीने के लिए व्यवहार किया जा सकेगा। तब तक मेयर ने लोगों से पानी नहीं पीने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि निगम की ओर से पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। 1 लाख पेयजल पाउच उपलब्ध कराये जायेंगे। पांच बोरो में 15 से 20 हजार पानी पाउच दिये जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि निगम की ओर से हर वार्ड में पेयजल टैंकर भेजे जायेंगे। लेकिन देखा जा रहा है कि अधिकतर वार्डों में टैंकर नहीं पहुंचा है, इसलिए पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है.