दम्पति ने अपने नेत्र दान का लिया निर्णय.

अपनी 25वीं शादी की सालगिरह पर मरणोपरांत एक दम्पति अपनी आंखें दान करने का फैसला लिया। शुक्रवार शाम जलपाईगुड़ी साइंस एंड नेचर क्लब में आयोजित एक समारोह में मैनागुड़ी निवासी शुभंकर चक्रवर्ती और कलाकार चक्रवर्ती यह ऐलान किय। क्लब के सदस्यों ने दम्पति की पहल की सराहना की।
रक्‍तदान की तरह नेत्रदान भी सबसे बड़ा दान माना जाता है. आप जब भी अपनी आंखों को बंद करते हैं तो जो अंधेरा आप महसूस करते हैं, वो काफी डरावना होता है. तो सोचिये हमारे बीच रह रहे ऐसे लोग जो देख नहीं सकते, और उनकी जिंदगी में सिर्फ अंधेरा है, वो कैसा महसूस करते होंगे. अगर आप अपनी आंखें किसी को डोनेट करते हैं, तो वो उजाला किसी एक की जिंदगी में नहीं बल्कि दो लोगों की जिंदगी को रोशन कर सकता है.