जलपाईगुड़ी । कल जमाई षष्ठी है और जमाई षष्ठी को लेकर जलपाईगुड़ी के बाजार में बांग्लादेश की जामदानी साड़ी की मांग काफी बढ़ गई है।
कहते है कि बंगाल में बारह महीनों में तेरह पर्व होते हैं। पहला बैसाख से चैत्रसंक्रांति तक, बंगालियों के पास बारह महीनों में कई त्योहार और पूजा पर्व होते हैं। उनमें से सबसे लोकप्रिय पर्वों में से एक है जमाई षष्ठी। यह त्योहार है जयेष्ठ माह के शुक्लपक्ष की छठी तिथि को षष्ठी पूजा के माध्यम से मनाया जाता है।
इस त्यौहार की प्रथा में विवाहित लड़की और उसके दामाद को आमंत्रित करने की परम्परा है। इस दिन सास अपने दामाद की सलामती के लिए व्रत रखती है। एक शब्द में कहें तो यह व्रत अपनी प्यारी बेटी के सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन दामाद की खूब आवभगत की जाती है. दूसरी तरफ दामाद भी ससुरालवालों के लिए तरह-तरह के उपहार लेकर आता है। और उन्हीं तोहफों में से एक है सास के लिए साड़ी। हालाँकि जलपाईगुड़ी में साड़ियों की कई अनोखी दुकानें हैं, लेकिन बांग्लादेश के ढाका की जामदानी साड़ियाँ की मांग ज्यादा होती है. बैसाखी मेले में ढाका की जामदानी साड़ियाँ खूब बिक रहीं हैं. बांग्लादेश की ये साड़ियां अभी से ही शहरवासियों का ध्यान खींच रही हैं. बांग्लादेश के विक्रेताओं ने कहा कि हालांकि चुनाव के दौरान बिक्री कम थी, लेकिन जमाई षष्ठी के आते ही साड़ियों की बिक्री बढ़ गई। वे न केवल जलपाईगुड़ी, बल्कि सिलीगुड़ी या कोलकाता में भी कारोबार करते हैं।