पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में स्थित जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान का होलोंग वन बंगला आग से जाकर खाक हो चुका है। अब इस बंगले की सिर्फ इतिहास ही रह गया है, लेकिन यह बांग्ला सिर्फ पर्यटकों का ही पसंदीदा   पर्यटन स्थल  नहीं था, बल्कि बंगाल के मुख्यमंत्रियों का भी पसंदीदा विश्राम स्थल था। मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य हो या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, डुआर्स जंगल में स्थित होलोंग वन बंगला  सभी को काफी पसंद था । मंगलवार की रात अचानक वह धूं धूं कर जल गया। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उत्तर बंगाल में ही है। पारंपरिक होलोंग बान बंगला जलकर राख हो गया। अलीपुरद्वार के जलदापाड़ा नेशनल पार्क के इस पारंपरिक वन बंगले में मंगलवार रात अचानक आग लग गई।
वन विभाग के अनुसार 1967 में बना यह वन बंगला राज्य वन विभाग की सबसे महंगी संपत्तियों में से एक था। उत्तर बंगाल में वन बंगला यानि जलदापारा नेशनल पार्क के वन बंगला पर्यटकों का पहली पसंद था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु भी सबसे पसंदीदा वन बंगलों में से एक था।
 आग लगने की खबर होते ही दो दमकल वाहन आग बुझाने की लगातार कोशिश की परन्तु देखते ही देखते यह राख में बदल गया। 16 जून से उत्तर बंगाल के सभी राष्ट्रीय उद्यानों और जंगलों के अंदर वन बंगलों में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए इस बंगले में कोई नहीं था, जिससे जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।  प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि आग एसी मशीन से शॉर्ट सर्किट के कारण लगी होगी। उत्तर बंगाल के मुख्य वनपाल भास्कर जेवी ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है.   जंगली जानवरों और पक्षियों की निकटता का आनंद लेने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों के बीच यह बँगला बहुत लोकप्रिय था। लगभग 57 वर्षों से अनगिनत पर्यटक इस बंगले में जंगल की खामोशी में कुछ समय बिताने आते रहे हैं। आग की खबर से पर्यटन क्षेत्र भी दुखी है।