सुरेंद्र कुमार- DRM कटिहार डिवीज़न


सिलीगुड़ी | पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के एक घायल यात्री ने इलाज के दौरान मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। उसे सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इससे पहले, सोमवार को बचाव कार्य के दौरान नौ शव बरामद किए गए थे। मृतकों में मालगाड़ी के लोको-पायलट, कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड और टक्कर से प्रभावित दो डिब्बों में यात्रा कर रहे सात यात्री शामिल थे। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अब तक 10 मृतकों में से सात की पहचान हो गई है। उनमें कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड आशीष डे (47) और मालगाड़ी के लोको-पायलट अनिल कुमार (46) शामिल हैं।
हादसे में जान गंवाने वाले जिन पांच यात्रियों की पहचान हुई है उनमें सुभाजीत माली (32), सेलेब सुब्बा (36), ब्यूटी बेगम (41), शंकर मोहन दास (63) और विजय कुमार राज शामिल हैं। सुब्बा पश्चिम बंगाल पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थीं। रविवार सुबह कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच भीषण रेल हादसा हो गया था . इस दुर्घटना में कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन कमरे पूरी तरह नष्ट हो गये. 

रेल मंत्री ने घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. बाद में मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की. उसके बाद एक-एक कर राज्यपाल और बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार भी नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे और घायलों के साथ-साथ डॉक्टरों से बात की. इधर मंगलवार सुबह से अप लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है. न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से हावड़ा तक जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस कई मालगाड़ियों और अपलाइनों के साथ अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान हुई ।
बताया जा रहा है कि रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त श्री जनक कुमार गर्ग  की निगरानी में यह जांच चल रही है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, रविवार रात रेलवे सुरक्षा आयोग के कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. दुर्घटना के कारणों की प्रारंभिक जांच शुरू हो चुकी है। मूल रूप से पता चला है कि रविवार सुबह 5:50 बजे से रेलवे का ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था. इसी कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगारी के लोको पायलट को टीए 912 फॉर्म जारी किया गया था। नियमानुसार कंचनजंगा एक्सप्रेस का लोको पायलट पहले से ही ट्रेन लेकर जा रहा था. लेकिन रेलवे सूत्रों के मुताबिक, मालगाड़ी के लोको पायलट ने गाड़ी को अत्यधिक गति से लाया और कंचनजंगा के पीछे से टक्कर मार दी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई.