जलपाईगुड़ी : मातृ दिवस पर आज सुबह पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक मां को साइकिल पर पेपर बेचते हुए देखा गया. लेकिन ये तस्वीर सिर्फ आज की नहीं है. रोज धूप, तूफान, बारिश और सर्दी की परवाह किए बिना वह पेपर बेचकर अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और भरण-पोषण का खर्च चलाती है। पति की मौत के बाद मां मंदिरा दास ने परिवार की जिम्मेदारी संभाली। पिछले कुछ सालों से मंदिरा देवी हर सुबह साइकिल से शहर में घर-घर अखबार पहुंचाती हैं। पति की मौत के बाद मंदिरा ने परिवार की जिम्मेदारी संभाली।जलपाईगुड़ी बेगुनबाड़ी इलाके में बेटी और मां के साथ रह रहीं मंदिरा देवी उन महिलाओं का ज्वलंत उदाहरण हैं जो परिस्थितयों के आगे झुकने के बगैर हिम्मत से जीवन में आगे बढ़ना जानती है।
मंदिरा देवी के पति घर-घर कागज पहुंचाने का काम करते थे। अपने पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद मंदिरा देवी ने अपनी इकलौती बेटी को उच्च शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से परिवार की जिम्मेदारी संभाली। वह साइकिल के भरोसे अखबार बेच रही हैं। इसके अलावा वो दोपहर के समय एक बैंक में छोटी सी कैंटीन चलाकर ईमानदारी की मिसाल कायम की है । जलपाईगुड़ी नगर पालिका वार्ड नंबर 18 के स्थानीय पार्षद उत्तम बोस ने भी महिला दिवस पर मंदिरा देवी को सम्मानित किया. स्थानीय लोगों ने मंदिरा देवी के काम की सराहना की.